Devar Ne Bhabhi Ko Bra Panty Me Dekha-देवर ने भाभी को ब्रा पैंटी में देखा
हैलो प्रिय पाठको, मेरा नाम नीलेश है। मैं लगभग बहुत समय से OnlineSexstory पर कहानियाँ पढ़ रहा हूँ.. पर आज मैं अपनी कहानी लिख रहा हूँ। मैं उम्मीद करता हूँ कि आप सबको पसंद आएगी। यह कहानी मेरी और मेरी भाभीजी की है।
मेरे भैया का बहुत बड़ा बिजनेस है और इसी के काम की वजह से वो अक्सर बाहर रहते थे। उनके जाने के बाद भाभीजी अकेली हो जाती थीं।
पहले मैंने भाभी को कभी सेक्सी नजर से नहीं देखा था। लेकिन एक बार मैंने कपड़े बदलते हुए देखा था.. तब उन्होंने सिर्फ ब्रा और पैन्टी पहनी थी, उनको शायद नहीं पता था कि मैं उन्हें देख रहा हूँ।
पर उस दिन से वो रोज मेरे ख्वाबों में आती थीं।
वो रोज सुबह मुझे उठाने आती थीं।
एक दिन वो मुझे उठाने आईं.. पर उस दिन मैंने चादर ओढ़ रखी थी और चादर के अन्दर मैं पूरा नंगा था।
भाभी ने चादर के अन्दर से ही मेरी तनी हुई मशीन को देख लिया था। उन्होंने मुझे आवाज़ देकर उठाया और चली गईं।
ऐसा 3 दिन चला..
पर एक दिन उन्होंने मुझसे पूछा- देवर जी रोज आपके सपने में कौन आता है? “Bhabhi Ko Bra Panty ”
मैंने पूछा- क्यों.. आज ऐसा क्यों पूछ रही हो भाभी?
‘आपका ‘वो’ इन दिनों तना हुआ होता है..’
भाभी के ये शब्द सुनकर मैं तो हक्का-बक्का रह गया, मैंने भी उसी वक्त हँस कर कहा- भाभी आपके जैसे कोई मिलती ही नहीं.. आपके जैसी कोई सुन्दर अप्सरा मिले तो कुछ बात बने।
भाभीजी ने कहा- आज तो मेरे देवरजी बहुत फ़्लर्ट के मूड में हैं, मुझ पर भी लाइन मार रहे हैं।
यह कहकर वो आँख मारते हुए अपने कमरे में चली गईं और कपड़े बदलने लगीं।
अचानक हवा के एक झोंके से उनके कमरे का दरवाजा खुल गया और मैं वो सीन देखता ही रह गया। भाभीजी मेरे सामने ब्रा और पैन्टी में खड़ी थीं, वो कपड़े बदल रही थीं।
थोड़ी देर के बाद उनकी नजर मुझ पर पड़ी.. तब उन्हें पता चला कि वो मेरे सामने नंगी खड़ी हैं। उन्होंने दरवाजा बन्द किया और कपड़े पहन कर आईं।
पहले तो वे मुझसे शरमा गईं, मैंने मौके का फायदा उठाया और कहा- भाभी आप बहुत खूबसूरत हो।
वो शरमा कर चली गईं।
दूसरे दिन मेरा जन्मदिन था, सुबह वो मुझे जगाने आईं और मुझे बर्थडे विश किया। “Bhabhi Ko Bra Panty ”
तभी मैंने भाभी से कहा- मेरा गिफ्ट?
भाभी ने कहा- क्या चाहिए मेरे देवरजी को?
मैंने कहा- जो मांगू.. वो दोगी?
उन्होंने कहा- आप बताओ तो सही..
मैंने कहा- मुझे आपको बिना कपड़ों के देखना है।
भाभी जी ने कहा- आज आपका जन्मदिन है.. तो मुझे आपको मना तो नहीं करना चाहिए.. पर सिर्फ देखोगे ही न.. आगे कुछ करोगे तो नहीं?
मैंने कहा- नहीं भाभी.. बस एक बार आपको जी भर के देख लूँ।
उन्होंने कहा- अगर आपको अभी आपका गिफ्ट मिल जाए तो?
मैंने कहा- भाभी यदि ऐसा अभी होता है तो आज के दिन में आपका गुलाम बन जाऊँ।
‘मेरे प्यारे देवरजी को मेरे गुलाम बनने की कोई जरूरत नहीं है.. अच्छा चलो अब मैं नहाने जा रही हूँ.. और नहा कर सीधा यहीं आऊँगी.. जैसे आपको देखना है.. वैसी हालत में..’
मैंने कहा- थैंक यू भाभी..
वो मुस्कुराईं और चली गईं।
थोड़ी देर बाद बाथरूम का दरवाजा खुला और मेरे सामने भाभी नंगी खड़ी थीं, वो धीरे-धीरे मेरे कमरे की ओर आ रही थीं।
वो मेरे एकदम करीब आईं.. बोलीं- देवर जी कहाँ खो गए? अब कहो आपका गिफ्ट मिल गया ना?
मैं तो अभी भी उनको देख ही रहा था। उन्होंने मेरे गाल पर हल्के से एक चांटा मारा और कहा- देवर जी, अब मैं कपड़े पहन लूँ?
मैंने कहा- प्लीज़ भाभी आज जी भर के देख लेने दो.. फिर कब ये मौका मिले। मैं उनके सुडौल स्तनों को देख रहा था।
कमर देखी और वहाँ से मेरी नजरें उनकी चूत पर गई, तो वो शरमा गईं और उन्होंने अपने हाथों से अपनी चूत ढक ली।
मैंने उनके सामने देखा और कहा- भाभी क्या मैं आपके स्तनों को छू सकता हूँ? “Bhabhi Ko Bra Panty ”
भाभीजी बोलीं- आज तुम्हारा जन्मदिन है इसलिए मैं कोई बात की मना नहीं कर रही.. लेकिन अब ये आखिरी बार है। अब मैं कुछ नहीं करने दूंगी.. सिर्फ एक बार छू लो।
मैंने जैसे ही भाभी के स्तनों को छुआ.. भाभी सिहर सी गईं, उन्होंने एक ‘आह..’ भर ली।
मैंने उनके स्तनों को दबाया, फिर उनका हाथ पकड़ा और उनको मेरे बिस्तर पर खींच लिया।
वो कुछ बोल नहीं पाईं।
मैंने उनकी कमर पर एक किस किया.. फिर भी वो नहीं बोलीं, तो मैं आगे बढ़ते हुए उनके स्तनों तक पहुँचा और उनको चूसने लगा।
भाभी अब गर्म होने लगी थीं.. पर तभी वो मुझसे अलग हो गईं और चली गईं। “Bhabhi Ko Bra Panty ”
मैंने उनसे पूछा- भाभी क्या हुआ?
उन्होंने कहा- मैंने आपको जितना वादा किया था.. उससे कहीं ज्यादा आपने किया.. अब बस.. मैं आपके भैया की अमानत हूँ।
फिर मैं अपने कॉलेज गया.. पर मेरा तो आज कहीं मन ही नहीं लग रहा था, मुझे तो भाभी का नंगा बदन ही दिखाई दे रहा था।
दोपहर को मैं जल्दी ही घर पर आ गया.. तो भाभी ने मुझसे पूछा- क्यों आज के दिन भी जल्दी? किसी फ्रेंड के साथ नहीं गए?
मैंने कहा- भाभी जब से आपको देखा है.. मेरा तो दिमाग काम ही नहीं कर रहा। मुझे तो सब जगह आप ही दिखाई देती हो।
दोपहर को मैं और भाभी गेम खेल रहे थे, तभी मेरे मन में एक बदमाशी आई, मैंने कहा- भाभी क्यों न हमारे इस बोरिंग गेम को इंटरेस्टिंग बनाया जाए।
भाभी बोलीं- वो कैसे?
मैंने जवाब दिया- जो गेम जीतेगा वो सामने वाले का एक कपड़ा उतारेगा.. मंजूर है?
भाभी बोलीं- फिर से बदमाशी..
पर थोड़ी देर बाद कहा- अच्छा चल आज तुझे मना नहीं करना।
फिर सबसे पहला गेम मैं जीता, मैंने कहा- भाभी जी में आपकी साड़ी उतारूँ?
भाभी ने कहा- हाँ.. अब आप जीते हो।
दूसरी गेम भी मैं जीता, मैंने भाभी का ब्लाउज उतारा और ऐसे करके मेरे और भाभी के सारे कपड़े उतर गए।
भाभी आखिरी गेम भी हार गईं।
भाभी बोलीं- अब तो उतारने को कुछ बाकी नहीं.. क्या उतारोगे? “Bhabhi Ko Bra Panty ”
मैंने कहा- भाभी अब हम हमारा शरीर दांव पर लगायेंगे। अब अगर मैं गेम जीता तो आपके स्तन तक के हिस्से में मैं आज की रात कुछ भी करूँगा.. और आप जीतीं.. तो आप मुझे जो कहोगी मुझे करना होगा.. बोलो मंजूर?
भाभी जी मुस्कुराईं और बोलीं- ऐसा लगता है.. आज तू अपनी भाभी को छोड़ेगा नहीं।
मैं मुस्कुराया और बोला- भाभी आप हो ही इतनी खूबसूरत कि आपको छोड़ने का मन ही नहीं कर रहा।
हम दोनों ने गेम खेला और मैं जीत गया, मैंने भाभी से कहा- आपके बदन का ऊपर का हिस्सा आज मेरे नाम भाभी.. अब लास्ट गेम खेलें?
भाभी मेरी ओर देखने लगीं, बोलीं- अब मेरे पास खेलने को बचा ही क्या है?
मैं मुस्कुराया और बोला- अरे मेरी प्यारी भाभी.. अभी असली खजाना तो बाकी है। अब अगर आप जीतीं.. तो आज मैं आपके साथ कुछ नहीं करूँगा और अगर मैं जीता तो आपके बदन का नीचे का हिस्सा भी आज की रात मेरा.. बोलो भाभी क्या कहती हो?
पर भाभी ने इस बार मना कर दिया और अन्दर के कमरे में चली गईं।
मैं भी उनके पीछे गया.. और अन्दर जाकर उनको पीछे से पकड़ लिया, मैं उन्हें चूमने लगा.. वो थोड़ी ही देर में गर्म हो गईं।
मैंने उनको बिस्तर पर लिटा दिया और उनकी कमर को जीभ से चाटने लगा।
वो ‘अआह्ह्ह.. करने लगीं।
कमर चूमने के साथ-साथ मैं उनके उरोज को भी दबा रहा था। फिर मैं वहाँ से उठ कर निप्पल की ओर गया और उनके निप्पल को चूमने और चूसने लगा।
वो ‘आअह्ह्ह्ह..’ करने लगीं और ‘आहें..’ भरने लगीं।
मैंने अब उनकी चूत पर हाथ रखा और उनकी चूत सहलाने लगा.. पर थोड़ी देर में उन्होंने कहा- देवर जी, मेरी चूत को छोड़ दो प्लीज..
मेरा चेहरा उतर सा गया.. और मैं बिस्तर पर लेट गया। “Bhabhi Ko Bra Panty ”
तब उन्होंने कहा- क्या हुआ मेरे प्यारे देवर जी को? बुरा लगा मैंने मना किया तो? अच्छा बाबा चलो.. अब आज के दिन आपकी भाभी आपकी है.. आप जो चाहे करो, अब आपकी भाभी कुछ नहीं कहेगी।
मैंने भाभी से कहा- सच में?
भाभी मेरी तरफ देख कर मुस्कुराईं और कहा- मेरे प्यारे देवर जी.. अब कुछ करोगे भी या यूं ही देखते ही रहोगे?
उनके इतना कहने पर.. मैंने उनके होंठों को चूम लिया.. और उनके उरोजों को चूसने लगा.. कमर फिर से चाटी और जांघों पर भी चूमने लगा।
अब हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गए और उन्होंने मेरे कड़क हो चुके लम्बे ड्रिलर को खूब चूसा। मैंने भी भाभी की प्यासी चूत को चूसा।
भाभी अब पूरी तरह गर्म हो चुकी थीं, वो बोलीं- अब मुझे चोदोगे भी या ऐसे ही अपने भैया की तरह तड़पाओगे?
मैंने कहा- भाभी अब तो जब भैया नहीं होंगे.. तब मैं आपके कमरे में ही सोऊँगा.. और आपकी प्यास बुझाऊँगा।
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इतना कहने के बाद मैं भाभी के ऊपर चढ़ गया और भाभी को अलग-अलग स्टाइल में 5 बार चोदा।
सुबह हम उठे तब भाभी को मैंने किस किया और ‘थैंक्स’ कहा- भाभी, मेरा जन्मदिन आपने खास बनाया..
तो भाभी बोलीं- नहीं देवरजी आपके जन्मदिन पर मैंने आपको नहीं.. आपने मुझे गिफ्ट दिया है। अब मेरी इस प्यासी चूत को हमेशा खुश रखना।
मैंने भाभी को चूम लिया और कहा- भाभी आज से रोज मैं आपको चोदूँगा और आपको खुश रखूँगा।
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